बहरीन की राजधानी मानामा में 33वें अरब लीग समिट के लिए गुरुवार को खाड़ी देशों के नेता इकट्ठा हुए. इस समिट का केंद्रीय मुद्दा गाजा युद्ध और फिलिस्तीनी राज्य की स्थापना रही. इस समिट के शुरुआत करते हुए सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने इजराइली एग्रेशन को रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से कदम उठाने का आग्रह किया. समिट में अरब नेताओं ने हमास की जगह PLO को फिलिस्तीनी लोगों की आवाज मानने की बात भी कही है.

अरब लीग ने गुरुवार को मांग की है कि फिलिस्तीन राज्य की स्थापना होने तक विवादित क्षेत्र में UN पीस फोर्स की तैनाती की जाए. 22 मेंबर्स के ब्लॉक द्वारा जारी किए गए ‘मनामा डिकलेरेशन’ में कहा गया है कि दो-राज्य समाधान होने तक कब्जे वाले फिलिस्तीनी क्षेत्रों में संयुक्त राष्ट्र की अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा और शांति सेना तैनात की जाए. डिकलेरेशन में सभी फ़िलिस्तीनी गुटों को फिलिस्तीन लिबरेशन ऑर्गेनाइजेशन (PLO) में शामिल होने की अपील की गई है. PLO में फातह गुट प्रभुत्व है और फिलिस्तीन राष्ट्रपति महमूद अब्बास भी इसी गुट से आते हैं. बता दें कि संयुक्त राष्ट्र भी PLO को ही फिलिस्तीनी लोगों का एकमात्र वैध प्रतिनिधि मानता है.

PLO और हमास के बीच दशकों से मतभेद रहा हैं. PLO जहां कूटनीतिक तरीके से फिलिस्तीन की आजादी की मांग करता है, वहीं हमास सैन्य विद्रोह से अपनी जमीन वापस लेने की हिमायत करता है. ऐसे में अगर अरब लीग का प्रस्ताव माना जाता है तो क्या हमास का वजूद खत्म हो जाएगा, इस पर सवाल है. PLO की स्थापना 1964 में फिलिस्तीन की आजादी के लिए लड़ाई लड़ रहे सभी गुटों को एक प्लेटफॉर्म पर लाने के लिए की गई थी. PLO के अंदर फिलिस्तीन के 11 गुट शामिल हैं. PLO शुरुआत में इज़राइल स्टेट को जड़ से खत्म कर फ़िलिस्तीन के पूरे क्षेत्र पर एक अरब राज्य स्थापित करना चाहता था. हालांकि 1993 में यासिर अराफात के समय PLO ने ओस्लो समझौते के साथ इजरायल की संप्रभुता को मान्यता दी और अब सिर्फ 1967 के अरब-इजरायल युद्ध के बाद के फिलिस्तीनी क्षेत्रों (वेस्ट बैंक और गाजा पट्टी) में अरब स्टेट के दर्जे की मांग करते हैं.

हमास आज तक पूरे क्षेत्र पर फिलिस्तीनी राज्य की स्थापना और इजराइल को अरब जमीन से उखाड़ फेंकने की बात करता आया है. हालांकि गाजा युद्ध के बीच चल रही युद्धविराम बातचीत में हमास के कुछ नेताओं ने 1967 की सीमाओं पर फिलिस्तीनी राज्य की मांग भी की है. पिछले हफ्ते संयुक्त राष्ट्र काउंसिल ने UN में फिलिस्तीन को पूर्ण सदस्य बनने के प्रस्ताव का भारी समर्थन किया गया और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से इसपर पुनर्विचार करने का आह्वान किया गया. पिछले महीने में फिलिस्तीन की फुल मेंबरशिप के लिए पास होने जा रहे प्रस्ताव को अमेरिका ने वीटो कर रोक दिया था.

7 अक्टूबर को हमास के हमले के बाद शुरू हुए गाजा युद्ध को करीब 7 महीने गुजर चुके हैं, लेकिन युद्ध के रुकने के आसार नहीं नजर आ रहे हैं. इस युद्ध की शुरुआत से गाजा में करीब 36 हजार लोग मारे जा चुके हैं, जिनमें लगभग 15 हजार बच्चें शामिल हैं. गाजा का 80 फीसदी इंफ्रास्ट्रक्चर इजराइली हमलों में तबाह हो गया है और गाजावासी मूलभूत सुविधाओं के लिए भी बाहरी दुनिया पर निर्भर हैं.

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