खार्तूम। सूडान के दो संघर्षरत गुटों के नेता – सूडानी सशस्त्र बल (एसएएफ) प्रमुख अब्देल फतेह अल-बुरहान और अर्धसैनिक बल रैपिड सपोर्ट फोर्सेज (आरएसएफ) के प्रमुख मोहम्मद हमदान दगालो – सात दिन के युद्धविराम पर सहमत हुए हैं। वार्ता की मध्यस्थता पड़ोसी देश दक्षिण सूडान ने की थी। समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, दक्षिण सूडान के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता पॉलीन एडहोंग मलोक ने जुबा में एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि युद्धविराम, जिस पर राष्ट्रपति सलवा कीर ने बातचीत की थी, गुरुवार को शुरू होगा, ताकि युद्धरत गुटों के बीच शांति वार्ता का मार्ग प्रशस्त हो सके।
मलोक ने कहा, दक्षिण सूडान गणराज्य की सरकार ने सूडान में वर्तमान में संघर्षरत दोनों पक्षों की सहमति प्राप्त कर ली है, ताकि वे अपने प्रतिनिधियों को अपनी पसंद के किसी भी स्थान पर आयोजित होने वाली शांति वार्ता के लिए नामित कर सकें।
उन्होंने कहा कि कीर ने बुरहान और दगालो के साथ टेलीफोन पर बातचीत के दौरान अप्रैल के मध्य में शुरू हुए संघर्ष के लिए एक लंबे संघर्ष विराम और त्वरित समाधान की आवश्यकता पर बल दिया।
दक्षिण सूडान के राष्ट्रपति सूडान में संघर्ष समाप्त करने के लिए इस मुद्दे पर बने अंतर-सरकारी प्राधिकरण (आईजीडीए) के राष्ट्राध्यक्षों की असेम्बली के प्रमुख हैं।
सूडान में संघर्ष का नया दौर जो 15 अप्रैल से शुरू हुआ था अब तीसरे सप्ताह में प्रवेश कर चुका है। फिलहाल ज्यादातर संघर्ष राजधानी खार्तूम में देखा जा रहा है। इसके कारण कई नागरिक अपना घर-बार छोड़कर मिस्र, ईथोपिया, चाड और दक्षिण सूडान तथा अन्य पड़ोसी देशों में पलायन के लिए मजबूर हुए हैं।
इसके अलावा, कई देशों ने अपने नागरिकों को सूडान से निकाल लिया है। संघर्ष में फंसे लोगों के लिए भोजन, स्वच्छ पानी और दवा की कमी के बीच संयुक्त राष्ट्र ने मानवीय संकट की चेतावनी दी है।
सूडान के स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, घातक संघर्षों में अब तक 550 लोग मारे गए हैं और 4,926 अन्य घायल हुए हैं।