अगले 7 दिन रूस-यूक्रेन युद्ध में निर्णायक साबित हो सकते हैं क्योंकि इन 7 दिनों में रूस, यूक्रेन पर इस साल का सबसे बड़ा हमला कर सकता है. क्रेमलिन की रणनीति है कि अमेरिका से यूक्रेन तक हथियारों के पहुंचने से पहले ही यूक्रेन के कई हिस्सों पर कब्जा कर लिया जाए. अगर ऐसा हो गया तो यूक्रेन सरेंडर पर मजबूर हो सकता है. अगर रूस इस ब्लूप्रिंट पर फेल हो गया तो यूक्रेन 7 दिन बाद रूस में भारी तबाही मचा सकता है और युद्ध में वापसी करके रूस को बैकफुट पर धकेल सकता है. इस युद्ध की धधकती आग के बीच राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल रूस पहुंचे हैं और उन्होंने अपने रूसी समकक्ष निकोलाई पेत्रुशेव से इस महीने दूसरी बार मुलाकात की है. दोनों टॉप अधिकारियों ने द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने की समीक्षा की. साथ ही साथ आपसी हित के कई अन्य मसलों पर भी बात की.
मॉस्को में भारतीय दूतावास ने एक्स (ट्विटर) पर पोस्ट कर कहा है कि डोभाल ने सेंट पीटर्सबर्ग में रूस की सुरक्षा परिषद के सचिव पेत्रुशेव के साथ द्विपक्षीय बैठक की है. ये बैठक सुरक्षा मामलों के लिए जिम्मेदार उच्च रैंकिंग अधिकारियों की बारहवीं अंतरराष्ट्रीय बैठक के मौके पर हुई है. भारतीय दूतावास ने कहा, ‘दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय सहयोग में प्रगति की समीक्षा की और आपसी हित के जरूरी मुद्दों पर बातचीत की है.’
दोनों देशों के उच्च अधिकारियों की बातचीत के दौरान दोनों पक्षों ने कई मोर्चों पर द्विपक्षीय सहयोग पर ध्यान केंद्रित किया. रूस की सरकारी एजेंसी का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय सुरक्षा को लेकर रूस और भारत के बीच सहयोग पर खासा जोर दिया गया है. वहीं, डोभाल ने 22 मार्च को मॉस्को के क्रोकस सिटी हॉल में हुए बर्बर आतंकी हमले की निंदा की और इस खतरे से निपटने में दोहरे मानकों से बचने की अपील की. इस महीने की शुरुआत में डोभाल ने अस्ताना में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सदस्य देशों की सुरक्षा परिषदों के सचिवों की 19वीं वार्षिक बैठक के मौके पर पेत्रुशेव से मुलाकात की थी. बता दें कि इस समय रूस और यूक्रेन पर दुनिया की नजर है. दोनों देश युद्ध में जल रहे हैं. जहां रूस लगातार यूक्रेन पर हमले कर रहा है, वहीं, यूक्रेन पूरी ताकत के साथ लड़ाई लड़ रहा है और पीछे हटने को तैयार नहीं है. उसने रूस के ऑयल डिपो पर हमला किया है. कहा जा रहा है कि रूस में तबाही की असली पिक्चर बाकी है और इसके लिए यूक्रेन ने जो प्लान तैयार किया है उसके लिए बस 7 दिन रुकना होगा. 7 दिन में अमेरिका से हथियारों की पहली खेप यूक्रेन पहुंच जाएगी, जिसके बाद यूक्रेन रूस के शहरों पर टारगेटिड अटैक कर सकता है.
यूक्रेन के राष्ट्रपित वोलोदमीर जेलेंस्की का जोश हाई है क्योंकि पहली बार हथियारों की इतनी बड़ी खेप यूक्रेन को मिलने वाली है. खास बात ये कि हाइटेक हथियारों को चलाने के लिए अमेरिका इंजीनियर कोर के ऑफिसर भी भेज सकता है. यूक्रेन काउंटर ऑफेंसिव 2.0 को पहले से ज्यादा मारक बनाना चाहता है. अब सवाल उठ रहा है कि जब यूक्रेन की तैयारी इतनी जबरदस्त है, तो रूस किस प्लान पर काम कर रहा है? दरअसल रूस के पास अभी 7 दिन का वक्त है, जिसमें वो जेलेंस्की के मंसूबे पर पानी फेर सकता है. क्रेमलिन में इमरजेंसी मीटिंग के बाद फैसला लिया गया. रूस 7 दिन में यूक्रेन पर इस साल का सबसे बड़ा हमला कर सकता है, जिसमें दक्षिण यूक्रेन को पूरी तरह से यूक्रेन से अलग करने की तैयारी है यानी दक्षिण यूक्रेन में रूसी ध्वज लहरा सकता है.
इसके लिए रूस अतिरिक्त सेना उतारने वाला है. रूस पूरी तरह आक्रामक मोड में आ चुका है. दक्षिणी यूक्रेन में तबाही मचाई जा रही है. अभी जिन इलाकों की घेराबंदी की जा रही है उनके खारकीव, लुहांस्क, बाखमुत, डोनेस्क, जेपोरिजिया, खेरसोन और ओडेसा शामिल हैं. दक्षिणी यूक्रेन के इन इलाकों में रूसी सैनिक लगातार आगे बढ़ रहे हैं. यहां की तीन चौथाई हिस्से पर कब्जे का दावा रूस कर रहा है.