नई दिल्ली। मणिपुर में हुई हिंसा को लेकर शनिवार को दिल्ली में केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में सर्वदलीय बैठक हुई। इस बैठक में भाजपा, कांग्रेस सहित 22 दलों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। आज सर्वदलीय बैठक तीन बजे संसद भवन परिसर में बुलाई गई थी। यह बैठक लगभग तीन घंटे तक चली।

बैठक में कांग्रेस की ओर से मणिपुर के पूर्व मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी शामिल हुए, भाजपा की ओर से पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा शामिल हुए। आरजेडी की ओर से सांसद मनोज झा, शिवसेना (उद्धव गुट) से प्रियंका चतुर्वेदी, मेघालय के मुख्यमंत्री और एनपीपी नेता कोनराड के. संगमा, एसकेएम से सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग, तृणमूल कांग्रेस से डेरेक ओ ब्रायन सहित अन्य दलों के नेता शामिल हुए।

बैठक के बाद भाजपा नेता संबित पात्रा ने कहा कि गृह मंत्रालय ने बताया कि (मणिपुर में) हिंसा किस वजह से हुई और अब तक क्या कदम उठाए गए हैं। सभी दलों ने राजनीतिक मतभेदों को किनारे रखकर अपनी चिंताएं आगे रखी।

सर्वदलीय बैठक पर प्रतिक्रिया देते हुए आरजेडी सांसद मनोज झा ने कहा कि बैठक में खुले मन से बात हुई। सभी दलों के प्रतिनिधियों ने अपनी बात रखी। झा ने कहा कि लगभग सभी दलों का मत है कि वहां की राजनीतिक नेतृत्व पर लोगों का भरोसा नहीं है। इस दिशा में सरकार को सोचना चाहिए।

उल्लेखनीय है कि मणिपुर में मैतेई समुदाय को एसटी श्रेणी में शामिल किए जाने की मांग के विरोध में तीन मई को रैली का आयोजन हुआ था। ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन मणिपुर ने इस रैली का आयोजन किया था। रैली के दौरान हिंसा भड़क गई थी। अभी तक इस हिंसा में लगभग 100 लोगों के मारे जाने की सूचना है। हालांकि केन्द्र और राज्य की ओर से हिंसा को रोकने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।

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