बिहार में आरजेडी नेता लगातार भगवान को लेकर विवादित बयान दे रहे हैं. पहले आरजेडी विधायक फतेह बहादुर ने मंदिर को गुलामी का प्रतीक बताया और अब बिहार के शिक्षा मंत्री प्रो. चन्द्रशेखर ने श्रीराम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा पर सवाल उठाया है. चंद्रशेखर ने श्रीराम लला के प्राण प्रतिष्ठा पर विवादित टिप्पणी करते हुए कहा- ‘कोई भगवान के अंदर प्राण नहीं दे सकता है. वह तो सर्वव्यापी हैं. उनके अंदर प्राण कौन दे सकता है?’ वहीं अयोध्या जाने के सवाल पर चन्द्रशेखर ने कहा कि मुझे न्यौता मिलेगा तो जाऊंगा, नहीं मिलेगा तो नहीं जाऊंगा.
शिक्षामंत्री चन्द्रशेखर अपने विवादित बयान को लेकर सुर्खियों में रहते हैं. पहले उन्होंने रामचरितमानस को बांटने वाला ग्रंथ बताया था. पिछले साल जनवरी में नालंदा खुला विश्वविद्यालय दीक्षांत समारोह के दौरान रामचरितमानस पर विवादित टिप्पणी की थी और कहा था- ‘रामचरितमानस ग्रंथ समाज में नफरत फैलाने का ग्रंथ है. यह समाज में दलितों, पिछड़ों और महिलाओं को पढ़ाई से रोकता है. उन्हें उनका हक दिलाने से रोकता है’
चन्द्रशेखर यहीं नहीं रूके वह लगातार रामचरितमानस के खिलाफ बयान देते रहे हैं. पिछले साल सितंबर में उन्होंने रामचरितमानस को पोटैशियम साइनाइड बता दिया. चन्द्रशेखर ने कहा- ‘रामचरितमानस में पोटैशियम साइनाइड है, जबतक यह रहेगा तब तक इसका विरोध करते रहेंगे. उन्होंने रामचरितमानस के अरण्य कांड की चौपाई का उल्लेख करते हुए सवाल किया ‘पूजहि विप्र सकल गुण हीना, शुद्र न पूजहु वेद प्रवीणा’ यह क्या है? मंत्री ने कहा कि क्या गुणहीन विप्र पूजनीय हैं और गुणयुक्त शूद्र वेद का जानकार होने पर भी पूजनीय नहीं हैं? शिक्षामंत्री ने कहा कि वह इसका विरोध करते रहेंगे.
आरजेडी में ऐसे बयान देने वाले चन्द्रशेखर अकेले नेता नहीं है. आरजेडी के विधायक फतेह बहादुर भी देवी देवताओं के खिलाफ लगातार विवादित टिप्पणी करते हैं. अब उन्होंन राममंदिर को लेकर विवादित बयान दिया है. फतेह बहादुर की तरफ से राबड़ी आवास के बाहर पोस्टर लगाया गया है जिसपर लिखा है- मंदिर गुलामी का प्रतीक है और स्कूल प्रकाश.