गाजा पर इजराइली स्ट्राइक की आंच अस्पतालों तक जा पहुंची है. अल-शिफा अस्पताल की चर्चा दुनियाभर में हो रही है. शहर का यह सबसे बड़ा अस्पताल है. सैकड़ों की संख्या में मरीजों का यहां इलाज चल रहा है. बमबारी की वजह से बड़ी संख्या में अस्पताल परिसर में लोगों ने शरण लिया हुआ है. इजराइल का दावा है कि यहां हमास का कमांड सेंटर है. हमास ने इससे इनकार किया और दावों को निराधार और झूठा करार दिया है. संगठन ने इजराइल पर झूठा माहौल बनाने, मनगढ़ंत कहानी गढ़ने और अस्पताल के बारे में फर्जी खबरें फैलाने का आरोप लगाया.
इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने एक अमेरिकी मीडिया चैनल को दिए इंटरव्यू में दावा किया कि हमास ने इजराइल से बंधक बनाए गए लोगों को भी अस्पताल में ही रखा हुआ था. इसके लिए उन्होंने कोई सबूत नहीं दिया लेकिन उन्होंने कहा कि “अस्पताल में घुसने की यह भी एक वजह है.” इजराइली सेना की तरफ से हर रोज गाजा के अलग-अलग स्थानों, अस्पतालों के वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किए जाते हैं, जिन्हें वे हमास का कथित ठिकाना बताते हैं. इजराइल पर इसके लिए प्रोपेगेंडा फैलाने के भी आरोप लग रहे हैं.
अमेरिका का दावा है कि उसने कुछ ऐसे फोन कॉल इंटरसेप्ट किए हैं, जिससे पता चलता है कि अस्पताल का इस्तेमाल हमास ऑपरेटिंग के लिए किया जा रहा था. सीएनएन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इंटेलिजेंस इनपुट के आधार पर अमेरिका ने यह दावा किया है. हालांकि, फिलिस्तीन अथॉरिटी के तहत काम करने वाले स्वास्थ्य मंत्रालय ने अंतरर्राष्ट्रीय संस्थानों को दर्जनों बार अस्पताल के इंसपेक्शन की छूट दी है. बावजूद इसके, अस्पताल का आधिकारिक रूप से कोई इंस्पेक्शन अभी तक नहीं किया गया है. इस बीच इजराइली सेना अस्पताल को घेरे हुई है और अस्पताल के आसपास एयर स्ट्राइक जारी है.
पीएम बेंजामिन नेतन्याहू का कहना है कि फिलहाल इजराइल की दो सूत्रीय प्लानिंग है – एक हमास को मिटाना और दूसरा बंधकों को वापस लाना. उन्होंने कहा कि उनके पास बंधकों के बारे में सभी इनपुट हैं लेकिन कहा कि कम बोलना अच्छा रहेगा. इजराइल और अमेरिका लगातार दावा करता रहा है कि हमास अस्पतालों का इस्तेमाल कर रहा है.
बीते दिनों कई मेडिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर पर अटैक हुए हैं. अल-अहली अस्पताल पर हमले में सैकड़ों फिलिस्तीनी मारे गए थे. हालांकि, इजराइल ने इस हमले से इनकार किया. अब अल-शिफा अस्पताल हमले के साए में है. अस्पताल के डॉक्टरों, स्टाफ से परिसर खाली करने की चेतावनी दी गई है.