श्रीनगर में आतंकवादी संगठनों और उनकी शाखाओं पर बड़े पैमाने पर कार्रवाई की गई. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने सोमवार को पूरे कश्मीर में नौ स्थानों पर छापेमारी की. लश्कर-ए-तैयबा जैसे प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों की नवगठित शाखाओं और सहयोगियों से जुड़े हाइब्रिड आतंकवादियों और ओवरग्राउंड वर्कर्स के ठिकानों पर भी छापेमारी की गई. इस दौरान बड़ी मात्रा में आपत्तिजनक डेटा और दस्तावेजों वाले कई डिजिटल उपकरण जब्त किए गए. साथ ही एलईटी, जैश-ए-मोहम्मद, हिज्ब-उल-मुजाहिदीन एचएम, अल-बद्र, अल-कायदा, आदि संगठनों के समर्थकों और कैडरों के परिसरों की भी बड़े पैमाने पर तलाशी ली गई.

एनआईए आतंकवाद विरोधी एजेंसी द्वारा दर्ज किए गए मामले की छानबीन में जुट गई. जांच के दौरान सुबह कई संपत्तियों पर कार्रवाई की गई और तलाशी ली गई. प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों और उनकी बनी शाखाओं द्वारा चिपचिपे बम, आईईडी और छोटे हथियारों आदि का उपयोग करके जम्मू-कश्मीर में हिंसा फैलाने की योजना शामिल है. जम्मू-कश्मीर में शांति और सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने के लिए आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए साइबर क्षेत्रों में भी साजिश रच रहे हैं. संगठनों में द रेजिस्टेंस फ्रंट, यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट जम्मू एंड कश्मीर, मुजाहिदीन गजवत-उल-हिंद, जम्मू एंड कश्मीर फ्रीडम फाइटर्स, कश्मीर टाइगर्स, जैसे कई संगठन शामिल हैं.

पाकिस्तान स्थित इनके आकाओं द्वारा समर्थित, ये संगठन स्थानीय युवाओं को कट्टरपंथी बनाने का प्रयास कर रहे हैं. बता दें, लश्कर और टीआरएफ जैसे प्रतिबंधित संगठन जिहाद के नाम पर कश्मीरी युवाओं को आतंकवादी संगठनों में शामिल होने के लिए लगातार भड़काने और प्रेरित करने की कोशिश कर रहे हैं.

ये संगठन अपने मकसद को बढ़ावा देने के लिए बेरोजगार युवाओं को लुभाने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर एक्टिव हैं. पूरी साजिश को बेनकाब करने और ध्वस्त करने के लिए तलाशी के दौरान बरामद किए गए डिजिटल उपकरणों और अन्य डेटा की जांच की जा रही है.

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