जम्मू कश्मीर से आर्टिकल-370 हटाने को लेकर आज यानी सोमवार को सुप्रीम कोर्ट से फैसला आ गया है. सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा कि आर्टिकल-370 हटाने का फैसला पूरी तरह से सही था. साथ ही उन्होंने जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने और सितंबर 2024 तक चुनाव कराने का आदेश दिया है. इस आदेश से पहले कुछ और आंकड़े भी संसद में साफ हुए हैं. वो भी जम्मू कश्मीर की इकोनॉमी को लेकर. 6 दिसंबर को सरकार ने संसद में जवाब दिया है कि जबसे जम्मू कश्मीर सेआर्टिकल-370 हटाई गई हैं, तब से अब तक में वहां की इकोनॉमी डबल हुई है. आइए जरा आंकड़ों से समझने की कोशिश करते हैं कि आखिर सरकार ने जम्मू कश्मीर को लेकर संसद में क्या कह दिया है.

जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल-370 खत्म करने के चार साल के बाद जीडीपी में जबरदस्त इजाफा देखने को मिला है. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, जम्मू कश्मीर की जीएसडीपी दोगुनी होकर 2.25 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गई है, जो अगस्त 2019 में आर्टिकल-370 के निरस्त होने से पहले 1 लाख करोड़ रुपए थी. जीएसडीपी इकोनॉमी के अलग—अलग सेक्टर्स की ग्रोथ और सामाजिक-आर्थिक विकास को मापने के लिए एक महत्वपूर्ण इंडिकेटर है. यह एक बेहतर इकोनॉमी और लोगों के जीवन स्तर को दर्शाता है. जीडीपी एक स्पेसिफिक टेन्योर में किसी स्टेट या देश में प्रोड्यूस प्रोडक्ट्स और सर्विसेस की टोटल मार्केट वैल्यू है.

6 दिसंबर को संसद में जम्मू-कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2023 और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2023 पर बहस का जवाब देते हुए, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि आर्टिकल-370 को खत्म करने से पहले जीएसडीपी 1 लाख करोड़ रुपए थी. जो केवल चार वर्षों में दोगुना होकर आज 2,27,927 करोड़ रुपए हो गया है. उन्होंने जानकारी देते हुए कहा था कि आर्टिकल-370 हटने के बाद कश्मीर में आतंकवाद कम हुआ, जिससे वहां अच्छा माहौल बना है और भारी विकास हो रहा है.

केंद्र शासित प्रदेश के इकोनॉमिक सर्वे 2022-23 के अनुसार, उद्योग, कृषि, बागवानी, पर्यटन और सर्विस सेक्टर पर जोर देने से अगले पांच वर्षों में जम्मू-कश्मीर की जीएसडीपी दोगुनी होने की संभावना है. इस साल की शुरुआत में जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि जम्मू और कश्मीर की इकोनॉमी हाल के वर्षों में राष्ट्रीय औसत से अधिक तेजी से बढ़ी है. वर्ल्ड लेवल के नेशनल हाईवे, एक्सप्रेसवे, सुरंगें, पुल, फ्लाईओवर, रिंग रोड बन रहे हैं, जबकि रिपोर्ट के अनुसार, 2023 के दौरान जम्मू और कश्मीर की रेल लिंक के नेशनल नेटवर्क से जुड़ने की उम्मीद है और हवाई अड्डों को भी अपग्रेड किया जा रहा है.

जम्मू-कश्मीर एक कृषि प्रधान इकोनॉमी है, जहां आधे से अधिक वर्कफोर्स एग्रीकल्चर से जुड़ी हुई है. सरकार डॉ. मंगला राय समिति की सिफारिशों के आधार पर विभिन्न महत्वपूर्ण क्षेत्रों में निवेश करके इस क्षेत्र में बदलाव लाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है. ताकि जीएसडीपी में एग्रीकल्चर का कंट्रीब्यूशन दोगुना हो जाएगा. साथ ही किसानों की इनकम भी दोगुना हो रही है.

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