जम्मू-कश्मीर की पांचों लोकसभा सीट श्रीनगर, जम्मू, बारामूला, उधमपुर, अनंतनाग-राजौरी, में वोटिंग पूरी हो चुकी है. श्रीनगर में (38.49%), बारामूला में (59.1%), अंनतनाग-राजौरी (53%) में वोटिंग हुई, जिसके बाद गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार की कश्मीर नीति जम्मू-कश्मीर में सफल मतदान से सही साबित हुई है, जहां अलगाववादियों ने भी “भारी” मतदान किया है. साथ ही उन्होंने कहा कि उन्होंने आश्वासन दिया है कि क्षेत्र में विधानसभा चुनाव 30 सितंबर से पहले होंगे.
शाह ने कहा, एक बार विधान सभा चुनाव हो जाने के बाद, सरकार केंद्र शासित प्रदेश को राज्य का दर्जा बहाल करने का काम शुरू करेगी. उन्होंने आगे कहा, ”मैंने संसद में कहा है कि हम विधानसभा चुनाव के बाद राज्य का दर्जा देंगे.” उन्होंने कहा कि सब कुछ योजना के मुताबिक चल रहा है. अमित शाह ने तैयारियों की जानकारी देते हुए कहा कि हमने परिसीमन प्रक्रिया पूरी कर ली है. क्योंकि परिसीमन प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही आरक्षण दिया जा सकता है. क्योंकि हमें आरक्षण देने के लिए सभी जातियों की स्थिति के बारे में जानना होगा. शाह ने आगे कहा कि जम्मू-कश्मीर में लोकसभा चुनाव भी खत्म हो चुके हैं. आगे विधानसभा चुनाव भी होना है. हम सुप्रीम कोर्ट की समय सीमा से पहले प्रक्रिया पूरी कर लेंगे.”
11 दिसंबर, 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने भारत के चुनाव आयोग को 30 सितंबर, 2024 तक जम्मू-कश्मीर में चुनाव कराने का निर्देश दिया था. लोकसभा चुनाव में कश्मीर घाटी में उम्मीद से ज्यादा मतदान होने पर शाह ने कहा कि उनका मानना है कि वहां नजरिये में बड़ा बदलाव आया है. उन्होंने कहा, ”मतदान प्रतिशत काफी बढ़ा है. कुछ लोगों का कहना था कि घाटी के लोग भारतीय संविधान में विश्वास नहीं रखते. लेकिन ये चुनाव भारतीय संविधान के तहत हुआ क्योंकि कश्मीर का संविधान अब नहीं रहा. कश्मीर के आर्टिकल 370 को निरस्त कर दिया गया. शाह ने आगे कहा, जो लोग एक अलग देश की मांग कर रहे थे, जो लोग पाकिस्तान के साथ जाना चाहते थे, उन सभी लोगों ने न सिर्फ व्यक्तिगत स्तर पर बल्कि संगठन स्तर के साथ भारी मतदान किया.”
कश्मीर में रिकॉर्ड मतदान होने पर अमित शाह ने कहा, “यह लोकतंत्र के लिए एक बहुत बड़ी जीत है और नरेंद्र मोदी सरकार की कश्मीर नीति की एक बड़ी सफलता है.” चुनाव आयोग ने कहा कि कश्मीर घाटी की तीन सीटों – श्रीनगर (38.49 प्रतिशत), बारामूला (59.1 प्रतिशत) और अनंतनाग-राजौरी (53 प्रतिशत) में “कई दशकों में” सबसे ज्यादा मतदान हुआ है. शनिवार को जब उनसे पूछा गया कि बीजेपी ने कश्मीर घाटी में लोकसभा चुनाव में कोई उम्मीदवार क्यों नहीं उतारा, तो उन्होंने कहा कि पार्टी अभी भी घाटी में अपने संगठन को मजबूत करने पर काम कर रही है. उन्होंने कहा, ”हम भविष्य में अपने उम्मीदवार उतारेंगे, हमारे संगठन का विस्तार हो रहा है और हमारा संगठन मजबूत हो रहा है.
पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के जम्मू-कश्मीर में विलय की संभावना के बारे में पूछे जाने पर शाह ने कहा कि यह उनका व्यक्तिगत विश्वास है कि पीओके 1947-48 में भारत का हिस्सा हो सकता था. उन्होंने कहा कि पीओके के जम्मू कश्मीर में संभावित विलय का फैसला बहुत गंभीर चर्चा के बाद ही किया जा सकता है. क्योंकि यह एक ऐसा मुद्दा है जो देश के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. शाह ने आगे कहा कि पीओके का विलय बीजेपी के घोषणापत्र का हिस्सा है.