संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों ने शुक्रवार को सुरक्षा परिषद को चेतावनी दी कि सूडान में चल रहे गृह युद्ध के चलते लगभग 8 लाख लोग तत्काल खतरे में हैं. संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि देश में हिंसा बढ़ रही है और पूरे दारफुर पश्चिमी सूडान के शहर दारफुर में भयानक सांप्रदायिक संघर्ष शुरू होने का खतरा है. बता दें, सूडान में एक साल पहले सूडान की सेना (एसएएफ) और अर्धसैनिक रैपिड सपोर्ट फोर्सेज (आरएसएफ) के बीच युद्ध छिड़ गया था, जिससे दुनिया का सबसे बड़ा विस्थापन संकट पैदा हो गया.
संयुक्त राष्ट्र के राजनीतिक मामलों के प्रमुख रोजमेरी डिकार्लो ने 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद को बताया कि आरएसएफ और एसएएफ-गठबंधन संयुक्त सुरक्षा बलों के सदस्यों के बीच उत्तरी दारफुर की राजधानी एल फशर के पास झड़पें हो रही थीं. डिकार्लो ने सोमवार को संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस की चेतावनी को दोहराते हुए कहा, “अल फाशर में लड़ाई से पूरे दारफुर में भयानक अंतर-सांप्रदायिक संघर्ष फैल सकता है.”
संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि लगभग 25 मिलियन लोगों, सूडान की आधी आबादी को सहायता की जरूरत है और लगभग 8 मिलियन लोग अपने घर छोड़कर भाग गए हैं. संयुक्त राष्ट्र सहायता अभियान के निदेशक, एडेम वोसोर्नू ने कहा, “हिंसा एल फैशर में रहने वाले 8 लाख नागरिकों के लिए तत्काल खतरा पैदा करती है.” उन्होंने आगे कहा, “इससे दारफुर के बाकी हिस्सों में और हिंसा भड़कने का खतरा है – जहां 9 मिलियन से ज्यादा लोगों को मानवीय सहायता की सख्त जरूरत है.”
खाद्य सुरक्षा पर संयुक्त राष्ट्र समर्थित वैश्विक प्राधिकरण ने पिछले महीने के अंत में कहा था कि “बड़े पैमाने पर मौत और सूडान में भयावह भूख संकट को रोकने के लिए तत्काल कार्रवाई की जरूरत है.”
सोमवार को पेरिस में एक सम्मेलन में दान देने वालों ने युद्धग्रस्त सूडान के लिए 2 अरब डॉलर से अधिक देने का वादा किया. 15 अप्रैल 2023 को सूडानी सशस्त्र बल (एसएएफ) जिसके प्रमुख अब्देल फतह अल-बुरहान हैं और उनके पूर्व डिप्टी मोहम्मद हमदान डागलो, अर्धसैनिक रैपिड सपोर्ट फोर्सेज (आरएसएफ) के कमांडर के बीच सत्ता और ताकत को लेकर जंग छिड़ गई थी.