ईरान ने 13 अप्रैल को भारत आ रहे मालवाहक जहाज MSC एरीज को जब्त कर लिया था. इस जहाज में सवार पांच भारतीयों को रिहा कर दिया है. ये सभी तेहरान से भारत के लिए रवाना हो चुके हैं. ईरान में मौजूद भारतीय दूतावास ने इस बात की पुष्टि की है. भारतीय दूतावास ने ईरानी अधिकारियों का शुक्रिया अदा किया है.

बता दें कि ईरान ने जिस जहाज को जब्त किया था, उस पर पुर्तगाल का झंडा लगा हुआ था. मगर इसका कनेक्शन इजराइल से था. जहाज में चालक दल के 25 सदस्य शामिल थे. इनमें से 17 भारतीय थे. बाकी 12 भारतीयों को पहले ही छोड़ दिया गया था. पांच बचे थे, जिसे भी रिहा कर दिया गया है.

इस जहाज पर कब्जा इजराइल और ईरान के बीच जारी तनाव के बीच हुआ. यह तब और बढ़ गया जब 1 अप्रैल को दमिश्क में ईरानी दूतावास पर इजराइल ने हवाई हमला कर दिया. इस हमले में इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स के टॉप ऑफिशियल सहित 16 लोगों की मौत हो गई. बता दें कि मालवाहक जहाज एमएससी एरीज लंदन स्थित जोडियाक मैरीटाइम से जुड़ा है.

जोडियाक मैरीटाइम इजरायली अरबपति इयाल ओफर के जोडियाक ग्रुप का हिस्सा है. ईरान ने 27 अप्रैल को घोषणा की थी कि बाकी सदस्यों को भी छोड़ दिया जाएगा. जहाज पर पुर्तगाल के लोग भी सवार थे. पुर्तगाल ने जहाज और उसके चालक दल की रिहाई की लिए 16 अप्रैल को ईरान के राजदूत को तलब किया था.

अपने नागरिकों की रिहाई को लेकर भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने ईरानी समकक्ष एच अमीर अब्दुल्लाहियन को फोन किया था और सभी 17 भारतीय चालक दल के सदस्यों की रिहाई की मांग की थी. इस दौरान उन्होंने क्षेत्र की मौजूदा स्थिति पर भी चर्चा की थी. इसके साथ ही तनाव बढ़ने से बचने, संयम बरतने और कूटनीति की ओर लौटने के महत्व पर जोर दिया था.

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