ड्रग्स केस में पकड़े जा रहे विदेशी नागरिकों के लिए मुंबई में जल्द ही देश का पहला डिटेंशन सेंटर बनेगा. इस सेंटर में विदेशी ड्रग्स माफियाओं को रखा जाएगा. उन्हें लीगली डिपोर्ट किया जाएगा. ये देश का पहला डिटेंशन सेंटर होगा. नार्को का जो पहलू बयां किया गया है. उसका संबंध आतंकवादी गतिविधियों से है या नहीं. इसको लेकर लगातार कार्रवाई की जाती है. ये कार्रवाई हर केस में जिस तरह के सबूत मिलते हैं. उसके हिसाब से कार्रवाई की जाती है. ड्रग्स माफियाओं के जरिए आने वाले पैसे का इस्तेमाल आतंक के लिए होते आया है. ये देश विरोधी काम है. ऐसे कामों पर नकेल कसी जा रही है.
वहीं, एल्विष यादव के बारे में एडीजी लॉ एंड ऑर्डर के संजय सक्सेना ने कहा कि यह केस नोएडा पुलिस के पास है. इस केस की मॉनिटरिंग हो रही है. अगर कुछ मिला या केस हमारे पास आया तो निश्चित ही इस मामले में एक्शन लिया जाएगा. उससे जुड़ी कोई पार्टी या लोग शामिल होंगे होंगे तो उन पर भी कार्रवाई की जाएगी.
उन्होंने कहा कि राज्य में ड्रग्स के बढ़ते मामलों को देखते हुए अब ANTS यानी एन्टी नार्कोटिक्स टास्क सेल बनाया जाएगा, जो कि CID के अंडर काम करेगा. यह राज्य में ड्रग्स और टेरर के एंगल से जुड़े मामलों की जांच करेगा. राज्य में किसी भी हालत में ड्रग्स केस बढ़ने न दिया जाए. इसलिए ये सब कार्रवाई की जा रही है.
सक्सेना ने कहा कि सभी क्षेत्रीय पुलिस थानों को इस बाबत कार्रवाई करने की सूचना दी गई है. कहीं पर भी अगर ड्रग्स पकड़ा जाता है तो सभी एंगलों में जांच करने को कहा गया है. कई बार देखा गया है की कई कंपनियां जो बंद की हालात में है. या बंद हो चुकी हैं. उन जगहों को लेकर भी आदेश जारी किए गए हैं. यह पता लगाने को कहा गया है कि चाहे वो किसी भी इंडस्ट्री एरिया में आती हो. सभी प्रकार की सूचना थानों के शीर्ष अधिकारियों को दी जाए. साथ ही उन्होंने कहा कि जिस इलाके में ड्रग्स फैक्ट्री पकड़ी जाएगी. उस इलाके के SHO को कंट्रोल में ट्रांसफर किया जाएगा. उसकी विभागीय जांच भी कराई जाएगी.
नाशिक के ललित पाटिल ड्रग्स मामले में उन्होंने कहा कि जिस डॉक्टर का जो सवाल है. उस पर जांच बैठाई गई थी. उसकी जांच जारी है. अभी भी किस डॉक्टर का क्या रोल है? ये नहीं कह सकते हैं. अब तक 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. ललित पाटिल को लेकर 10 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया गया है. उन सबकी लापरवाही थी.
संजय सक्सेना ने कहा कि नाशिक, सोलापुर औरंगाबाद में ड्रग्स फैक्ट्री पकड़े जाने पर वहां के अधिकारियों पर एक्शन हुआ है. अभी तक किसी राजनीतिक का नाम नहीं आया है. राजनीतिक क्षेत्र से अभी भी जांच जारी है. जो भी नाम आएगा सब पर एक्शन होगा.
महाराष्ट्र एडीजी एटीएस सदानंद दाते ने कहा कि साल 2023 में केंद्रीय गृहमंत्री, मुख्यमंत्री और राज्य के गृहमंत्री ने हमें अम्लीय पदार्थों को लेकर कड़ी कार्रवाई करने को कहा है. ऊपर से आदेश दिया गया है कि जीरो टॉलरेंस पॉलिसी अपनाई जाए. बताया गया की आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए. यदि कोई भी आरोपी निकला तो किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा.
उन्होंने कहा कि ड्रग्स के केस में साल 2022 में अक्टूबर महीने तक 15 से 30 मामले सामने आए. जब की 2023 में लोगों को इन मामलों में अरेस्ट भी किया जा चुका है. साल 2023 में अक्टूबर महीने तक 2491 मामले सामने आए. जब की 3277 लोगो को ड्रग्स के इन मामलों में अरेस्ट किया गया है.
वहीं, अगर ड्रग्स के कंजप्शन मामले की बात करें तो साल 2022 के अक्टूबर महीने तक 9530 मामले कंजप्शन के पाए गए. इसमें तकरीबन 9700 लोगों को अरेस्ट किया गया है. साल 2023 के अक्टूबर महीने तक 10536 मामले कंजप्शन के पाए गए तो इसमें तकरीबन 10231 लोगो को अरेस्ट किया गया है.
इसके आलावा आतंक विरोधी दस्ते ने एनडीपीएस एक्ट के तहत कार्रवाई करते हुए साल 2022 के 05 अगस्त की रोज कार्रवाई करते हुए 518 ग्राम हेरोइन जब्त किया था. इस मामले में 6 लोगो को अरेस्ट भी किया था. जब्त की हेरोइन की कीमत इंटरनेशनल मार्केट में 362 करोड़ से ज्यादा बताई गई है. 5240 किलो गांजा को जलाया गया है. 2728 किलो मेफेड्रान जब्त किया गया था. जिसकी कीमत 1400 करोड़ रुपए थी.
उन्होंने कहा कि एंटी नॉर्किटिक्स सेल ने पिछले दिनों एक बड़ी कार्रवाई की थी. जिसमें नशे का ड्रग्स बनाने की कुछ फैक्ट्रियों को भी ध्वस्त किया गया था. 27 लाख लोगों तक पहुंचकर No Drugs कैंपेन चलाया गया. नो ड्रग्स का जो कैंपेन है. खासकर 26 जून को ये मनाया जाता है. उसको लेकर हर लेवल पर समाज में जागरूक करने का काम किया जा रहा है.