सुप्रीम कोर्ट ने आरआरटीएस प्रोजेक्ट के लिए फंड ट्रांसफर नहीं करने पर दिल्ली सरकार को कड़ी फटकार लगाई है. सुप्रीम कोर्ट ने चेतावनी दी है कि अगर एक सप्ताह के भीतर यह फंड ट्रांसफर नहीं किया गया तो दिल्ली सरकार के विज्ञापन फंड को आरआरटीएस प्रोजेक्ट में ट्रांसफर करने का सीधा आदेश दिया जाएगा. कोर्ट ने कहा कि दिल्ली सरकार को इस आदेश को तुरंत संज्ञान लेना चाहिए.
कोर्ट ने ये भी कहा कि हम विज्ञापन के उद्देश्यों की पूर्ति के लिए आवंटित धनराशि को संबंधित परियोजना में ट्रांसफर करने का निर्देश देने के लिए बाध्य हैं. कोर्ट ने यह भी उल्लेख किया कि वरिष्ठ वकील के अनुरोध पर हम इस आदेश को एक सप्ताह की अवधि के लिए आगे का समय दे रहे हैं. कोर्ट ने साफ शब्दों में कहा कि एक हफ्ते के भीतर फंड ट्रांसफर हो जाना चाहिए.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर इस बीच फंड जारी नहीं किया गया तो हमारा आदेश अपने आप में ही लागू हो जाएगा. कोर्ट ने ये भी टिप्पणी की है कि आपके विज्ञापन के लिए करोड़ों के बजट हैं लेकिन आरआरटीएस प्रोजेक्ट के लिए धन नहीं है. कोर्ट इस संबंध में पहले भी दिल्ली सरकार को फटकार लगा चुका है. दिल्ली के साथ-साथ यूपी सरकार को भी यह फंड देना है.
आरआरटीएस का फुल फॉर्म है- रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम. यह प्रोजेक्ट दिल्ली से मेरठ के बीच हाई स्पीड ट्रेन के लिए है. प्रोजेक्ट का काम जारी है. यह कुल 17 किलोमीटर लंबा है. इसे 2024 तक पूरा किया जाना है. अभी तक दिल्ली के निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन से गाजियाबाद के दुहाई तक इसका काम हो चुका है. इसके पूरी तरह से बन जाने पर इलाके के लाखों लोगों को लाभ होगा.